महाशक्ति के नौ रूप

महाशक्ति के नौ रूप महाशक्ति के नौ रूप – नैनादेवी, चिन्तपुर्णी, ज्वालादेवी, भद्रकाली, मंसा देवी, शकुन्तला देवी, कालिका देवी, कांगड़े वाली और वैष्णो देवी । शिव पुराण की एक कथानुसार सती पार्वती के शव को लेकर जब भगवान शिव तीनों लोकों का भ्रमण कर रहे थे तो भगवान विष्णु ने उनका मोह दूर करने के … Read more

रामचन्द्र जी पर देवी की कृपा की कथा

रामचन्द्र जी पर देवी की कृपा रामचन्द्र जी पर देवी की कृपा की कथा जिस समय रामचन्द्र जी. अपनी सेना को साथ लेकर लंका पर चढ़ाई की और समुद्र के तट पर पहुंचे तो उन्होंने समुद्र पर सेतु बांधते समय भगवान शंकर की आराधना की। उस समय भगवान शंकर ने प्रकट होकर उन्हें विजय का … Read more

देवी को नारियल की भेंट क्यों चढ़ाई जाती है ?

देवी को ‘नारियल’ की भेंट देवी को नारियल की भेंट सिर चमत्कारिक ढंग से जुड़ने और पुनः जीवित होने पर ध्यानू भक्त को आशीर्वाद रूप में माता ने वर मांगने को कहा तो भक्त ने देवी के चरणों में शीश भुकाकर प्रणाम करके निवेदन किया – हे जगदम्बे ! आप – सर्वशक्तिमान हैं, हम मनुष्य … Read more

ध्यानू भक्त का शीश अर्पण करना

ध्यानू भक्त ध्यानू भक्त का शीश अर्पण करना – एक प्राचीन कथानुसार जब माता के परम भक्त ध्यानू १००० साथियों के दल सहित दिल्ली से ज्वाला माई के दर्शन के लिए जा रहे थे तो इतने बड़े दल को देखकर अकबर बादशाह के सिपाहियों ने सन्देहवश उन्हें रोक लिया और बादशाह के सामने पेश किया … Read more

माता का विराट रूप कैसा है ?

देवी माँ का विराट रूप – देवी माता का विराट रूप भुजा सहित माता का विराट रूप आंखें मूंदकर मनन कीजिए कि हजारों कमलपुष्प एकदम खिल उठे। सोचिए कि एक हजार सूर्य एक ही आकाश-मण्डल में एक साथ उदय हो गए। ऐसा है उसका रूप, ऐसा है उसका तेज। सूर्य और चन्द्र उसके दोनों नेत्र … Read more

श्री वैष्णोदेवी की कथा

maa vaishno devi

श्री वैष्णोदेवी की कथा वैष्णोदेवी माता हिमालय के प्रसिद्ध पहाड़ो में वास करने वाली सिद्ध देवी हैं। वे देवी दुर्गा की एक रूप हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए जानी जाती हैं। बहुत समय पहले, भारती नामक एक ब्राह्मणी ब्राह्मण परिवार में रहती थीं। उनकी इच्छा थी कि उन्हें एक कन्या … Read more

देवी की पूजा क्यों की जाती है ?

देवी की पूजा देवी की पूजा क्यों जरूरी है ? देवपुराण की कथा में एक ऐसा प्रसंग मिलता है कि एक बार नारद जी को यह शंका उत्पन्न हुई कि तीनों देवता (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) सदैव किसकी उपासना किया करते हैं ? सन्देहवश होकर नारदमुनि ने शिवजी से पूछा- मुझे ब्रह्मा, विष्णु और आप … Read more

सरस्वती वन्दना

सरस्वती वन्दना मात शारदे, विद्या वारिधे, करूँ मैं तेरा आवाहन , कुन्द इन्दू सम मुखारविन्द है, कंठ सुशोभित हार धवल। शुभ्र वस्त्र आभूषित तन है, आसन तेरा श्वेत कमल , धिय जड़ता माँ हरो सरस्वती कर वीणावर दण्ड विमल।द्विव्य ज्योति सम द्युतिमान हो, आत्म ज्ञान दो बुद्धि नवल , सिद्धि दात्री, भाग्यविधात्री, करती हो भवभय … Read more

लक्ष्मी,सरस्वती,गंगा का भारतवर्ष में पधारना

लक्ष्मी, सरस्वती तथा गंगा का परस्पर शापवश भारतवर्ष में पधारना लक्ष्मी,सरस्वती,गंगा – भगवती सरस्वती वैकुण्ठ में भगवान श्री हरि के पास रहती हैं। गंगा ने इन्हें शाप दे दिया था।ये भारतवर्ष में अपनी एक कला से पधारी। नदी के रूप में माँ का का अवतरण हुआ। ये पुण्य प्रदान करने वाली, पुण्यरूपा तथा पुण्यतीर्थ स्वरूपिणी … Read more

मातेश्वरी तू धन्य है

(धूमलोचन ,चण्ड मुण्ड, बीज वध वर्णन) धूमलोचन दैत्य अरु, वीर चण्ड अरु मुण्ड। रक्तबीज वध की कथा, थे जो शक्ति कुण्ड।। सभी देवता हिमाचल पर जगत् की जननी श्रीपार्वतीजी के पास पहुंचे मातेश्वरी तू धन्य है – ऋषि बोले-शुंभ निशुंभ नाम के दो दैत्य परम पराक्रमी हुए। जिनके तेज से चराचर त्रिलोकी काँप उठी, दोनों … Read more