कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व

कार्तिक पूर्णिमा इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस तथि को भगवान का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन गंगा स्नान, दीप दान आदि का विशेष महत्त्व है। इस दिन यदि कृतिका नक्षत्र हो तो महाकार्तिकी होती है, भरणी होने से विशेष फल देती … Read more

हम भगवान को भोग क्यों लगाते हैं ?

हम भगवान को भोग क्यों लगाते हैं? एक बार मैंने सुबह टीवी खोला तो जगत गुरु शंकराचार्य कांची कामकोटि जी से प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम चल रहा था। एक व्यक्ति ने प्रश्न किया कि “हम भगवान को भोग क्यों लगाते हैं?” “हम जो कुछ भी भगवान को चढ़ाते हैं, उसमें से भगवान क्या खाते हैं? क्या पीते … Read more

Shri Ram shayari or status in hindi

Shri Ram shayari or status राम जिनका नाम है अयोध्या जिनका धाम है ,ऐसे धनुषधारी को हमारा प्रणाम है राम तेरे नाम न्यू जीना सिखा दिया है , प्रभु तेरे प्यार ने इंसान बना दिया है हर करम अपना करेंगे प्रभु श्रीराम तेरे लिए, हम जिएंगे और मरेंगे प्रभु श्रीराम तेरे लिए…जय श्री राम….!! काश … Read more

Maa Durga shayari or status

Maa Durga shayari or status माता का हाँथ पकड़कर रखिए,लोगों के पाँव पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेरे सिर पर हाथ फेर कर, माँ उलझन मेरी मिटाती है,जब भी कोशिश करके थक जाता हूं,मैय्या ही राह दिखाती है…जय माता दी जी ॐ जय माँ चिन्तपूर्णी जी की ॐकिसी ने मुझसे पूछा अगले जनम में क्या … Read more

श्री गिरिराज जी की महिमा

श्री गिरिराज जी की महिमा ब्रजमण्डल में जो महत्त्व श्रीवृन्दावन धाम का है,वही महत्व श्री गिरिराज गोवर्द्धन का है । भगवान श्रीकृष्ण के काल के यदि कोई नेत्रगोचर चिन्ह हैं तो वे हैं श्री गिरिराजजी, श्री यमुना महारानी एवं परमपावन ब्रज-रज । ब्रजवासी श्री गिरिराज को भी अपना सब कुछ मानते हैं – सखा, पुत्र, … Read more

श्री गिरिराज चालीसा

श्री गिरिराज चालीसा – ॥ श्री गोवर्द्धनो जयति || बन्दहु वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान । महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण || सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार । बरनों श्री गिरिराज यश, निज मति के अनुसार || जय हो जग बंदित गिरिराजा । ब्रज मण्डल के श्री महाराजा ॥ विष्णु रूप … Read more

श्री वैष्णों माता चालीसा

श्री वैष्णों माता चालीसा दोहा – गरूड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकूटा पर्वत धाम । काली, लक्ष्मी, सरस्वती शक्ति तुम्हे प्रणाम । नमोः नमोः वैष्णो वरदानी कलि काल में शुभ कल्याणी मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी पिंडी रूप में हो अवतारी देवी देवता अंश दियो है रत्नाकर घर जन्म लियो है करी तपस्या राम को पाऊँ त्रेता … Read more

शिव को बहुत प्रिय है सावन माह

सावन माह सृष्टि के कण-कण में त्रिदेव शिव शंकर का निवास है। महाधिदेव निराकार रूप में जगत का कल्याण करते हैं तथा साकार रूप में सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए विभिन्न अवतार धारण करते हैं। सदाशिव भगवान शंकर कल्याण के देवाधिदेव हैं। जो भक्त भगवान शिव की शरण में जाते हैं उनका कल्याण निश्चित … Read more

केतु ग्रह (शस्त्रों का अधिनायक)

केतु ग्रह केतु पाप ग्रह होते हुए भी शुभ फल देता है। इसकी स्वराशि मीन, उच्चराशि धनु, नीचराशि मिथुन तथा सिंह मूल त्रिकोण राशि है। यह वृष, धनु और मीन राशि में बलवान होता है। इसका विशेष फल ४८ और ५४ वर्ष में मिलता है। केतु का भाव तमोगुणी और रूप मलिन है। यह शास्त्रों … Read more

राहु ग्रह (विनाश का कारक)

राहु ग्रह राहु उग्र स्वभावी व शत्रुनाशी ग्रह है। यह दक्षिण दिशा का स्वामी तथा विनाशवृत्ति को | लेकर संचरण करने वाला ग्रह है। इसे चांडाल भी कहा गया है। इसका वर्ण धुएं जैसा व वाहन शेर है। कन्या राशि पर इसका आधिपत्य स्वीकार किया गया है। सामान्यतया यह जिस भाव में बैठता है, वहां … Read more