दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय |Durga saptshati terwa adhyay
दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय ऋषि बोले-हे राजन् ! भगवती का यह श्रेष्ठ महात्म्य मैंने तुम्हें सुना दिया इस संसार को धारण करने वाली भगवती का ऐसा प्रभाव है इसी कारण हे राजन् आप उस परमेश्वरी की शरण में ही जाइए और वही भगवती आराधना करने से मनुष्यों को भोग, स्वर्ग, मोक्ष आदि देती हैं। मार्कण्डेय … Read more