तुम भी बोलो रघुपति और हम भी बोले रघुपति लिरिक्स

तुम भी बोलो रघुपति, और हम भी बोले रघुपति दोहा – श्री राम को देख के जनक नंदिनी, बाग में खड़ी की खड़ी रह गयी, श्री राम देखे सिया को सिया राम को, चार अखिया लड़ी की लड़ी रह गयी। सिया के ब्याह की बजने लगी है शहनाई, धनुष को तोड़ने की आज वो घड़ी … Read more