श्री दुर्गा स्तुति सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना नित्य पढिए
भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम।
अम्बे कर दो अमर जिस पे हो जाओ मेहरबान तुम।
काली काल के पंजे से तुम ही बचाना आन कर।
गौरी गोदी में बिठाना अपना बालक जान कर।
चिन्तपुरनी चिन्ता मेरी दूर तुम करती रहो।।
लक्ष्मी लाखों भण्डारे मेरे तुम भरती रहो।
नैना देवी नैनों की शक्ति को देना तुम बढ़ा।
वैष्णों मां विषय विकारों से भी लेना तुम बचा।
मंगला मंगल सदा करना भवन दरबार में।
चण्डिका चढ़ती रहे मेरी कला संसार में।
भद्रकाली भद्र पुरुषों से मिलाना तुम सदा।
ज्वाला जलना ईर्षा वश यह मिटाना कर कृपा।
चामुण्डा तुम ‘चमन’ पे अपनी दया दृष्टि करो।
माता मान इज्जत व सुख सम्पत्ति से भण्डारे भरो।
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
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