shri shaligram ji ki aarti
shaligram ji ki aarti | श्री शालिग्राम की आरती शालिग्राम सुनो विनती मोरी यह वरदान दयाकर पाऊँ । प्रात समय उठि मज्जन करके प्रेम सहित स्नान कराऊँ । चन्दन धूप दीप तुलसीदल वरण-वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥१॥ तुम्हरे सामने नृत्य करूं नित प्रभु घंटा शंख मृदंग बजाऊं। चरण धोय चरणामृत लेकर कुटुम्ब सहित बैकुण्ठ सिधाऊं … Read more