मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास Mehandipur Balaji History

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास मेहंदीपुर बालाजी मंदिर – मेहंदीपुर बालाजी के नाम से प्रसिद्ध भगवान हनुमान जी का यह मंदिर है। यह मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में है। इस मंदिर में भगवान हनुमान बालाजी के रूप में विराजमान है। भगवान हनुमान जी का बचपन का नाम बालाजी है। यह मंदिर … Read more

अय्यप्पन स्वामी मंदिर – भगवान शिव की संतान हैं

अय्यप्पन स्वामी मंदिर दक्षिण भारत के केरल राज्य में पतनमतिट्टा जिले में पहाड़ियों से घिरे सबरीमाला पहाड़ पर घोर वन में स्थित विश्वविख्यात सबरीमाला मंदिर आध्यात्मिक आस्था का विशाल केंद्र है जहां प्रतिवर्ष करोड़ों श्रद्धालु भगवान अय्यप्पन के दर्शन करके निज जीवन को धन्य करते हैं। वर्ष में 3 बार भक्तों को दर्शन प्राप्त होते … Read more

स्वामी नारायण मंदिर नीसडन (लंदन) – विदेश में सबसे बड़ा हिन्दू धर्मस्थल

स्वामी नारायण मंदिर नीसडन स्वामी नारायण मंदिर भारत के बाहर सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है, जो पूरी तरह से वैदिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली के अनुसार बनाया गया है। इसका निर्माण 1982 में शुरू हुआ और 20 अप्रैल, 1995 को स्वामी नारायण सम्प्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। इसके गर्भगृह को … Read more

Siddhi Vinayak – The Grand Hindu Temple

siddhi vinayak

Siddhi Vinayak सिद्धिविनायक मंदिर कहाँ स्थित है ? सिद्धिविनायक मंदिर गणेश जी का एक हिंदू मंदिर है ।यह मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है ।इसकी गिनती देश के प्रसिद्ध मंदिरों में की जाती है। यह मंदिर 200 साल पुराना मंदिर है। गणपति बप्पा के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग गणेश जी के … Read more

वाणी का महत्त्व क्या है हमारे जीवन में

वाणी का महत्त्व सन्त-महापुरुषों ने रसना के बारे में फ़रमाया है कि कोई भी बात मुँह से निकालने से पूर्व हृदय के तराजू पर उसे तोल लेना चाहिये। कड़वी बात कहना या वह बात बोलना जिससे दूसरे के दिल को ठेस पहुँचे-बिना प्रयोजन अथवा मर्यादा का उल्लंघन करके बातें करना-यह हानिकर है । एक बार … Read more

द्रोण गुरु के पद पर – द्रोणाचार्य की कथा

द्रोण – द्रोणाचार्य की कथा गुरु द्रोणाचार्य ब्राह्मण थे, धनुर्विद्या के महान आचार्य थे, पर बड़े गरीब थे। इतने गरीब थे कि जीवन का निर्वाह होना कठिन था। घर में कुल तीन प्राणी थे – द्रोणाचार्य स्वयं, उनकी पत्नी और उनका पुत्र अश्वत्थामा। पुत्र की अवस्था पांच-छ: वर्ष की थी।एक दिन पुत्र ने अपने एक … Read more

निरमंड आये परशुराम जी की कथा

निरमंड आये परशुराम परशुराम जी की कथा हिमाचल प्रदेश की सुरमई वादियों में यूं तो कदम-कदम पर देवस्थल मौजूद हैं, लेकिन इनमें से कुछ एक ऐसे भी हैं जो अपने में अनूठी गाथाएँ और रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है निरमंड का परशुराम मंदिर | यह मंदिर शिमला से करीब 150 किलोमीटर … Read more

होलिका का पूजन क्यों किया जाता है?

होलिका लोगों के मन में एक प्रश्न रहता है कि जिस होलिका ने प्रहलाद जैसे प्रभु भक्त को जलाने का प्रयत्न किया, उसका हजारों वर्षों से हम पूजन किसलिए करते हैं? होलिका पूजन के पीछे एक बात है। जिस दिन होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठने वाली थी, उस दिन नगर के सभी लोगों … Read more

शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन क्यों नहीं करना चाहिए ?

शुक्ल चतुर्थी एक बार नंदकिशोर ने सनतकुमारों से कहा कि चौथ की चंद्रमा के दर्शन करने से श्रीकृष्ण पर जो लांछन लगा था, वह सिद्धि विनायक व्रत करने से ही दूर हुआ था। ऐसा सुनकर सनतकुमारों को आश्चर्य हुआ। उन्होंने पूर्णब्रह्म श्रीकृष्ण को कलंक लगने की कथा पूछी तो नंदकिशोर ने बताया- एक बार जरासन्ध … Read more

धनतेरस की कहानी

धनतेरस की कहानी भारत त्यौहारों का देश है। विभिन्न त्यौहारों पर अलग-अलग पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. इसी प्रकार धनतेरस पर भी यमराज की एक कथा बहुत प्रचलित है। कथा कुछ इस प्रकार है। पुराने जमाने में एक राजा हुए थे राजा हिम। उनके यहां एक पुत्र हुआ, तो उसकी जन्म-कुंडली बनाई गई। ज्योतिषियों ने कहा … Read more