आठवां अध्याय

आठवां अध्याय – निस दिन पढ़े जो प्रेम से शत्रु नाश हो जाय आठवां अध्याय दोहा:- काली ने जब कर दिया चण्ड मुण्ड का नाश । सुनकर सेना का मरण हुआ निशुम्भ उदास । तभी क्रोध करके बढ़ा आप आगे। इक्ट्ठे किए दैत्य जो रण से भागे। कुलों की कुलें असुरों की ली बुलाई। दिया … Read more

सातवां अध्याय

सातवां अध्याय – दुर्गा स्तुति का हर कामना पूरी करने के लिए सातवां अध्याय चण्ड मुंड चतुरंगणी सेना को ले साथ । अस्त्र शस्त्र ले देवी से चले करने दो हाथ। गये हिमालय पर जभी दर्शन सब ने पाए। सिंह चढ़ी मां अम्बिका खड़ी वहां मुस्कराए। लिये तीर तलवार दैत्य माता पे धाए । दुष्टों … Read more

छटा अध्याय

छटा अध्याय नव दुर्गा के पाठ का छठा है यह अध्याय ।जिसके पढ़ने सुनने से जीव मुक्त हो जाय। ऋषिराज कहने लगे सुन राजन मन लाय।दूत ने आकर शुम्भ को दिया हाल बतलाय। सुनकर सब वृतांत को हुआ क्रोध से लाल । धूम्रलोचन सेनापति बुला लिया तत्काल । आज्ञा दी उस असुर को सेना लेकर … Read more

पांचवा अध्याय

पांचवा अध्याय पांचवा अध्याय – भगवती का दर्शन पाने के लिए ऋषि राज कहने लगे, सुन राजन मन लाय। दुर्गा पाठ का कहता हूं, पांचवा मैं अध्याय । एक समय शुम्भ निशुम्भ दो हुए दैत्य बलवान। जिनके भय से कांपता था यह सारा जहान। इन्द्र आदि को जीत कर लिया सिंहासन छीन। खोकर ताज और … Read more

श्री दुर्गा स्तुति चौथा अध्याय

चौथा अध्याय – श्री दुर्गा स्तुति आदिशक्ति ने जब किया महिषासुर का नास। सभी देवता आ गये तब माता के पास। मुख प्रसन्न से माता के चरणों में सीस झुकाये। करने लगे – वह स्तुति मीठे बैन सुनायें। हम तेरे ही गुण गाते हैं, चरणों में सीस झुकाते है। तेरे जै कार मनाते हैं, जै … Read more

दुर्गा स्तुति तृतीय अध्याय

श्री दुर्गा स्तुति – तृतीय अध्याय चक्षुर ने निज सेना का सुना जभी संहार। क्रोधित होकर लड़ने को आप हुआ तैयार। ऋषि मेधा ने राजा से फिर कहा। सुनों तृतीय अध्याय की अब कथा । महा योद्धा चक्षुर था अभिमान में। गर्जता हुआ आया मैदान में। चलाता महा शक्ति पर तीर था। वह सेनापति असुरों … Read more

दुर्गा स्तुति दूसरा अध्याय

दूसरा अध्याय दुर्गा पाठ का दूसरा शुरु करूं अध्याय । जिसके सुनने पढ़ने से सब संकट मिट जाय। मेधा ऋषि बोले तभी, सुन राजन धर ध्यान । भगवती देवी की कथा करे सब का कल्याण । देव असुर भयो युद्ध अपारा, महिषासुर दैतन सरदारा। योद्धा बली इन्द्र से भिडयो, लड़यो वर्ष शतरणते न फिरयों । … Read more

दुर्गा स्तुति पहला अध्याय

श्री दुर्गा स्तुति पाठ प्रारम्भ दुर्गा स्तुति पहला अध्याय पहला अध्याय वन्दो गौरी गणपति शंकर और हनुमान। राम नाम प्रभाव से है सब का कल्याण। गुरुदेव के चरणों की रज मस्तक पे लगाऊं। शारदा माता की कृपा लेखनी का वर पाऊं। नमो ‘नारायण दास जी’ विप्रन कुल श्रृंगार। पूज्य पिता की कृपा से उपजे शुद्ध … Read more

विनम्र प्रार्थना

विनम्र प्रार्थना मुझ पर दया करो जग जननी, सब अपराध क्षमा कर दो। शारदा मातां बुद्धि दो, मां लक्ष्मी भण्डारे भर दो। आवाहन विसर्जन पूजा, कुछ भी करना जानूं न। कर्म काण्ड भक्ति के मन्त्र क्या हैं यह पहचानूं न। मैं अपराधों सहित भवानी शरण तुम्हारी आया हूं। अज्ञानी बालक को बख्शो दाती तेरा जाया … Read more

कीलक स्तोत्र

कीलक स्तोत्र मारकडे ऋषि वचन उचारी, सुनने लगे ऋषि बनचारी। नीलकंठ कैलाश निवासी, त्रयनेत्र शिव सहज उदासी। कीलक मंत्र में सिद्धि जानी, कलियुग उल्ट भाव अनुमानी। कील दियो सब यन्त्र मन्त्र तत्रनी शक्ति कीन परतन्त्र। तेही शंकर स्तोत्र चंडिका का, राखियो गुप्त काहू से न कहा। फलदायक स्तोत्र भवानी, कीलक मन्त्र पढे नर ज्ञानी। नित्यपाठ … Read more