चमन की श्री दुर्गा स्तुति

सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ चमन की श्री दुर्गा स्तुति श्री दुर्गा स्तुति – यह पूरे दो महीने की तपस्या तथा भगवत नाम कीर्तन, दुर्गा यज्ञ, गायत्री मन्त्र के निरन्तर जप और दुर्गा मन्दिरों की दिव्य मूर्तियों के दर्शन, महात्माओं के आर्शीवाद तथा साक्षात देव-कन्याओं की कृपा और मां की प्रेरणा से लिखी गई … Read more

मां जगदम्बे जी की आरती

मां जगदम्बे की आरती आरती जग जननी तेरी गाऊं। तुम बिन कौन सुने वरदाती। किसको जाकर विनय सुनाऊं। आरती…… असुरों ने देवों को सताया। तुमने रुप धरा महा माया । उसी रूप के दर्शन चाहूं। आरती……. रक्तबीज मधु कैटभ मारे। अपने भक्तों के काज संवारे । मैं भी तेरा दास कहाऊं। आरती….. आरती तेरी करूं … Read more

पांचवा अध्याय

पांचवा अध्याय पांचवा अध्याय – भगवती का दर्शन पाने के लिए ऋषि राज कहने लगे, सुन राजन मन लाय। दुर्गा पाठ का कहता हूं, पांचवा मैं अध्याय । एक समय शुम्भ निशुम्भ दो हुए दैत्य बलवान। जिनके भय से कांपता था यह सारा जहान। इन्द्र आदि को जीत कर लिया सिंहासन छीन। खोकर ताज और … Read more

प्रसिद्ध भेट माता जी

मैय्या जगदाता दी मैय्या जगदाता दी कह के जय माता दी तुरया जावीं, देखी पैंडे तों न घबरावी। पहलां दिल अपना साफ बना लै।फेर मैय्या नूं अर्ज सुना लै। मेरी शक्ति वधा मैनूं चर्णा च ला।कैंहदा जावीं, देखी पैंडे तो न घबरावीं।मैय्या…. ओखी घाटी ते पैंडा अवलड़ा।ओदी श्रद्धा दा फड़ लै तू पलड़ा। साथी रल … Read more

श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना (श्री गणेशाय नमः)

श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना ‘चमन’ मत समझो लियाकत का यह होता मान है। लाज अपने नाम की वह रख रहा भगवान है। जय गणेश जय गणपति पार्वती सुकुमार।विघ्न हरण मंगल करण ऋद्धि सिद्धि दातार। कवियों के मानुष विमल शोभा सुखद ललाम। ‘चमन’ करे तब चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। जय बजरंगी पवन सुत जय जय … Read more

श्री दुर्गा स्तुति सर्व कामना सिद्धि

श्री दुर्गा स्तुति सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना नित्य पढिए भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम। अम्बे कर दो अमर जिस पे हो जाओ मेहरबान तुम। काली काल के पंजे से तुम ही बचाना आन कर। गौरी गोदी में बिठाना अपना बालक जान कर। चिन्तपुरनी चिन्ता मेरी दूर तुम करती रहो।। लक्ष्मी लाखों भण्डारे मेरे … Read more

श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि

श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि ब्रम्ह मुहूर्त में उठते समय जय जगदम्बे जय जय अम्बे का ग्यारह बार मुंह में जाप करें। शौच आदि से निवृत हो कर स्नान करने के बाद लाल रुमाल कन्धे पर रखकर पाठ करें। मौली दाई कलाई पर बांधे या बंधवा लें। आसन पर चौकड़ी लगा (बैठ कर) हाथ जोड़ … Read more

मातेश्वरी तू धन्य है

(धूमलोचन ,चण्ड मुण्ड, बीज वध वर्णन) धूमलोचन दैत्य अरु, वीर चण्ड अरु मुण्ड। रक्तबीज वध की कथा, थे जो शक्ति कुण्ड।। सभी देवता हिमाचल पर जगत् की जननी श्रीपार्वतीजी के पास पहुंचे मातेश्वरी तू धन्य है – ऋषि बोले-शुंभ निशुंभ नाम के दो दैत्य परम पराक्रमी हुए। जिनके तेज से चराचर त्रिलोकी काँप उठी, दोनों … Read more

माँ शताक्षी,शाकम्भरी और दुर्गा का अवतार

माँ शताक्षी,शाकम्भरी और दुर्गा  दुर्गम दानव हनन ते, दुर्गा नाम लह्यो । विनय सुनी जग जन्म ले, देवन अभय दयो।। दुर्गम का ब्रम्हा जी से वर पाना देवताओं का महादेवी की शरण में जाना प्रजा के इस संकट को देखकर देवता महादेवी की शरण में पहुँचे और बोले, हे महादुर्गे! जिस प्रकार आपने शुम्भ निशुम्भ … Read more

माँ उमा की उत्पत्ति

देव दर्प के दलन को प्रकटी तेज स्वरूप।  दुष्ट जनन को मृत्यु हैं, भक्तों को माँ रूप।। माँ उमा की उत्पत्ति – सूतजी बोले-हे ऋषिगण! सुनिये एक बार देवता दैत्यों का भयानक युद्ध हुआ। तब इसी मातेश्वरी के प्रताप से देवता विजयी हुए। इस कारण देवताओं को गर्व हुआ, अपनी-अपनी प्रशंसा करने लगे। एक तेज … Read more