श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
ब्रम्ह मुहूर्त में उठते समय जय जगदम्बे जय जय अम्बे का ग्यारह बार मुंह में जाप करें।
शौच आदि से निवृत हो कर स्नान करने के बाद लाल रुमाल कन्धे पर रखकर पाठ करें।
मौली दाई कलाई पर बांधे या बंधवा लें।
आसन पर चौकड़ी लगा (बैठ कर) हाथ जोड़ कर बोलें :
पौना वाली माता जी तुहाडी सदा ही जय। भगवती मां के सामने घी की जोत जला कर पाठ प्रारम्भ करें
चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- सर्व कामना पूर्ण करने वाला पाठ- चमन की श्री दुर्गा स्तुति
- श्री दुर्गा स्तुति पाठ विधि
- श्री दुर्गा स्तुति प्रारम्भ
- प्रसिद्ध भेंट माता जी की (मैया जगदाता दी)
- सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना
- श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना ( श्री गणेशाय नमः)
- श्री दुर्गा कवच
- श्री मंगला जयन्ती स्तोत्र
- श्री अर्गला स्तोत्र नमस्कार
- कीलक स्तोत्र
- विनम्र प्रार्थना
श्री दुर्गा स्तुति अध्याय
- पहला अध्याय
- दूसरा अध्याय
- तीसरा अध्याय
- चौथा अध्याय
- पांचवा अध्याय
- छटा अध्याय
- सातवां अध्याय
- आठवां अध्याय
- नवम अध्याय
- दसवां अध्याय
- ग्यारहवां अध्याय
- बारहवां अध्याय
- तेरहवाँ अध्याय
Jai mata di