कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी लिरिक्स

कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी

कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी
जो मेरी मैया टिका माँगे बिंदी और लगा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकले जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी


जो मेरी मैया कुंडल माँगे नथनी भी पैहरा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी


जो मेरी मैया पेंडल माँगे माला भी पैहरा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकले जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी


जो मेरी मैया चूड़ी माँगे मेहंदी भी लगवा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी


जो मेरी मैया चोला माँगे चुनर भी ओढा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकले जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी


जो मेरी मैया पायल माँगे बुछुये भी मंगा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी

सावन की रुत है आजा माँ हम झूता तुझे झुताएंगे लिरिक्स

साधु साध्वी चल रहे है विहार यात्रा में रोड पर

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